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August 28, 2025

मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज ने शुरू की किडनी ट्रांसप्लांट, रोबोटिक एवं यूरो-गायनी ओपीडी सेवाएं

मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज ने शुरू की किडनी ट्रांसप्लांट, रोबोटिक एवं यूरो-गायनी ओपीडी सेवाएं

 आगरा, अगस्त 28, 2025: मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज ने आज आगरा के श्री कृष्णा हॉस्पिटल, में समर्पित रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट और रोबोटिक गायनी सर्जरी ओपीडी सेवाओं की शुरुआत की।


ये ओपीडी सेवाएं मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज के यूरोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी एवं किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर डॉ. शैलेश चंद्र सहाय की उपस्थिति में शुरू की गईं। डॉ. सहाय प्रत्येक महीने के दूसरे गुरुवार को सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक उपलब्ध रहेंगे।


लॉन्च के अवसर पर मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज के यूरोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी एवं किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर डॉ. शैलेश चंद्र सहाय ने कहा, “इन ओपीडी सेवाओं की शुरुआत के साथ हमारा उद्देश्य मरीजों को विशेष चिकित्सा सेवाओं के लिए अन्य शहरों की यात्रा करने की आवश्यकता को कम करना है। रोबोटिक तकनीक ने यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओं में क्रांतिकारी बदलाव किया है, जिससे संपूर्ण यूरोलॉजिकल देखभाल में एडवांस्ड ट्रीटमेंट संभव हुआ है। चूंकि यूरोलॉजिकल समस्याएं सभी आयु, जेंडर और बैकग्राउंड के लोगों को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए यह ओपीडी स्थानीय समुदाय की विभिन्न स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाई गई है।”  


डॉ. शैलेश  ने आगे कहा, “किडनी ट्रांसप्लांट में हाल के एडवांस्मेंट्स  में रोबोट-असिस्टेड रीनल ट्रांसप्लांटेशन प्रमुख है, जो मरीजों को तेज़ रिकवरी, कम दर्द, न्यूनतम निशान और कम रक्तस्राव के फायदे देता है। पारंपरिक सर्जरी में जहां बड़े मांसपेशी कट की आवश्यकता होती है, वहीं रोबोटिक सर्जरी छोटे चीरे से की जाती है, मांसपेशियों को काटने से बचाती है और ह्यूमन एरर की संभावना को कम करती है।”  


किडनी फेलियर के बढ़ते मामलों को देखते हुए आगरा में यूरो-गायनी और किडनी ट्रांसप्लांट ओपीडी सेवाओं की शुरुआत इस क्षेत्र के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

August 26, 2025

लिवर ट्रांसप्लांट: जब दवाइयाँ और जीवनशैली बदलाव पड़ जाएँ कमज़ोर

लिवर ट्रांसप्लांट: जब दवाइयाँ और जीवनशैली बदलाव पड़ जाएँ कमज़ोर

लखनऊ: गंभीर लिवर रोग से जूझ रहे लोगों के लिए लिवर ट्रांसप्लांट जीवनरक्षक विकल्प साबित हो सकता है। जब लिवर सही तरीके से काम करना बंद कर देता हैतो दवाइयाँ और जीवनशैली में बदलाव  पर्याप्त नहीं होते। ऐसे में लिवर ट्रांसप्लांट मरीजों को एक नई उम्मीद और जीवन देने का माध्यम बन जाता है। 


लिवर ट्रांसप्लांट एक शल्यक्रिया है जिसमें खराब हो चुके लिवर को स्वस्थ डोनर के लिवर से बदला जाता है। लिवर शरीर से विषैले तत्वों को निकालनेप्रोटीन बनाने और पाचन में मदद करने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। जब यह अंग असफल हो जाता है तो पूरा शरीर प्रभावित होता है। लिवर की एक अद्भुत विशेषता यह है कि यह स्वयं को पुनर्जीवित कर सकता है। इसी वजह से लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट में डोनर के लिवर का केवल एक हिस्सा मरीज को प्रत्यारोपित किया जाता है और कुछ ही हफ्तों में दोनों का लिवर पूर्ण आकार में वापस आ जाता है। 


बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटलनई दिल्ली के एचपीबी सर्जरी एवं लिवर ट्रांसप्लांटेशन विभाग के वाइस चेयरमैन एवं एचओडी  डॉ. अभिदीप चौधरी ने बताया कि हर लिवर के मरीज़ को ट्रांसप्लांट की आवश्यकता नहीं होती। यह तभी किया जाता है जब लिवर पूरी तरह काम करना बंद कर देता है। इसके प्रमुख कारणों में हेपेटाइटिस बी या सी से होने वाला सिरोसिसअल्कोहल से संबंधित लिवर रोगफैटी लिवरशुरुआती अवस्था का लिवर कैंसरजेनेटिक बीमारियाँ जैसे विल्सन डिज़ीज़ और हेमोक्रोमैटोसिसतथा शिशुओं में बिलियरी एट्रेशिया शामिल हैं। मरीज की गंभीरता का आकलन करने के लिए डॉक्टर ‘मेल्ड स्कोर’ का उपयोग करते हैंजहाँ अधिक स्कोर का मतलब अधिक गंभीर लिवर क्षति होती है।“ 


डॉ. अभिदीप ने आगे बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट दो प्रकार से किया जाता है – पहलाडीसीज़्ड डोनर ट्रांसप्लांटजिसमें अंग दान करने वाले मृत व्यक्ति के परिवार की सहमति से लिवर लिया जाता है। दूसरालिविंग डोनर ट्रांसप्लांटजिसमें जीवित रिश्तेदार (भारतीय कानून के अनुसार) अपना लिवर का हिस्सा दान करते हैं। यह तरीका इंतजार का समय घटाता है और सर्जरी को योजनाबद्ध तरीके से संभव बनाता है। यह शल्यक्रिया सामान्यतः से 12 घंटे तक चल सकती है। ऑपरेशन के बाद मरीज को कुछ दिन आईसीयू में रखा जाता है और लगभग से सप्ताह तक अस्पताल में निगरानी की जाती है। मरीज को आजीवन इम्यूनोसप्रेसिव दवाएँ लेनी पड़ती हैं ताकि नया लिवर शरीर द्वारा अस्वीकार न किया जाए। अधिकतर मरीज से महीने के भीतर अपनी सामान्य गतिविधियों में लौट सकते हैं।“ 


हालाँकि यह एक जटिल शल्यक्रिया है और इसमें संक्रमणबाइल डक्ट की समस्या या अंग अस्वीकृति जैसी जटिलताएँ हो सकती हैंलेकिन आधुनिक तकनीकों और प्रभावी दवाओं की मदद से सफलता दर में काफी वृद्धि हुई है। आज हजारों मरीज सफल लिवर ट्रांसप्लांट के बाद लंबा और स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। 


लिवर ट्रांसप्लांट सिर्फ एक चिकित्सकीय प्रक्रिया नहीं हैबल्कि यह जीवन का दूसरा मौका है। यदि किसी को इसकी आवश्यकता हो सकती हैतो उन्हें विशेषज्ञ ट्रांसप्लांट सेंटर से संपर्क कर पात्रताप्रक्रिया और रिकवरी के बारे में जानकारी अवश्य लेनी चाहिए।

August 22, 2025

मैक्स हॉस्पिटल साकेत ने मथुरा में शुरू की ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट की विशेष ओपीडी सेवाएं

मैक्स हॉस्पिटल साकेत ने मथुरा में शुरू की ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट की विशेष ओपीडी सेवाएं

मथुरा. 22 अगस्त 2025: मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत ने मथुरा स्थित मैक्स पेशेंट असिस्टेंस सेंटर में ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट की विशेष ओपीडी सेवाओं की शुरुआत की है। 


रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के क्षेत्र में अग्रणी कार्य के लिए प्रसिद्ध मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत के रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के चेयरमैन एवं चीफ़ डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी, अब मथुरा में प्रत्येक महीने के दूसरे शनिवार और चौथे रविवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे। 


भारत में ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र है, जो आर्थराइटिस, जॉइंट डिफोर्मिटीज़, स्पोर्ट्स इंजरी और उम्र से संबंधित समस्याओं का उपचार करता है। रोबोटिक तकनीक से होने वाली जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी अब और अधिक सटीक, कम दर्दनाक, कम हॉस्पिटल प्रवास वाली और तेज़ रिकवरी सुनिश्चित करती है। इन तकनीकों ने मरीजों की गतिशीलता और जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार करते हुए नए मानक स्थापित किए हैं। 


डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट परिणामों के साथ अहम बदलाव लाए हैं। आज मरीज सर्जरी के कुछ ही घंटों बाद स्वतंत्र रूप से चल पाते हैं और अधिकांश को अगले दिन ही हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाती है। 


लॉन्च के अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत के रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के चेयरमैन एवं चीफ़ डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने कहा कि मथुरा में शुरू की गई यह नई ओपीडी सेवाएं शहर और आसपास के क्षेत्रों में एडवांस्ड आर्थोपेडिक देखभाल की बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करेंगी। इससे मरीजों को विशेष परामर्श और सर्जिकल प्लानिंग की सुविधा सीधे उपलब्ध होगी। आज घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने वाले अधिकांश मरीज सर्जरी वाले दिन ही चलना शुरू कर देते हैं और 48 घंटों के भीतर घर जा सकते हैं। यह पारंपरिक तरीकों की तुलना में एक बड़ा बदलाव है और जीवन की गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार लाता है। 


उन्होंने आगे कहा कि रोबोटिक तकनीक से जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में अतुलनीय सटीकता, जटिलताओं में कमी और तेजी से स्वस्थ होने का लाभ मिलता है। मिनिमली-इनवेसिव तकनीक और रियल-टाइम इमेजिंग की मदद से अब हर मरीज की शारीरिक संरचना के अनुसार अत्यंत सटीक इम्प्लांट लगाए जा सकते हैं।” 


मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत लगातार अत्याधुनिक तकनीकों में निवेश कर रहा है, ताकि मरीजों को चिकित्सा विज्ञान की नवीनतम उपलब्धियों का लाभ मिल सके।

August 19, 2025

ग्रेटर नोएडा में यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने शुरू किया अत्याधुनिक स्पाइन एवं बैक पेन क्लिनिक

ग्रेटर नोएडा में यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने शुरू किया अत्याधुनिक स्पाइन एवं बैक पेन क्लिनिक

ग्रेटर नोएडा, 19 अगस्त 2025: यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ओमेगा-1 (परी चौक के पास) ने सोमवार को स्पाइन और बैक पेन क्लिनिक की शुरुआत की। उद्घाटन प्रबंध निदेशक डॉ. कपिल त्यागी और सीओओ डॉ. सुनील बलियान ने किया। इस अवसर पर अस्पताल की न्यूरो साइंसेज़ टीम भी मौजूद रही।


यह क्लिनिक खासतौर पर उन मरीजों के लिए है जो लंबे समय से पीठ दर्द, कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां मरीजों को आधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में बेहतर इलाज मिलेगा। क्लिनिक का संचालन विशेषज्ञ डॉक्टर – डॉ. सुमित गोयल, डॉ. राहुल शर्मा और डॉ. अक्षय शिरोडकर – करेंगे, जिन्हें न्यूरोसर्जरी, स्पाइन सर्जरी और पेन मैनेजमेंट में गहरा अनुभव है।


क्लिनिक का स्थान बेसमेंट-1, ओपीडी रूम नंबर 10 और 11, यथार्थ हॉस्पिटल, ओमेगा-1, ग्रेटर नोएडा रखा गया है। यहां मरीज हर दिन दोपहर 12:00 से 2:00 बजे तक परामर्श ले सकते हैं।


लॉन्चिंग अवसर पर अस्पताल ने मरीजों के लिए 20% की छूट की घोषणा की है। यह छूट ओपीडी कंसल्टेशन और विभिन्न जांचों (MRI व DEXA स्कैन सहित) पर मिलेगी। 


इस मौके पर डॉ. कपिल त्यागी ने कहा कि पीठ दर्द और रीढ़ की हड्डी की समस्याएँ आजकल बहुत आम हो गई हैं और अक्सर लोग इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इस क्लिनिक के माध्यम से अस्पताल मरीजों को आधुनिक और सुरक्षित इलाज उपलब्ध कराएगा। वहीं डॉ. सुनील बलियान ने बताया कि इस पहल से यथार्थ हॉस्पिटल की विशेष सेवाओं में एक और नया अध्याय जुड़ गया है और अब ग्रेटर नोएडा के लोगों को दूर जाने की जरूरत नहीं होगी।

विद्यामंदिर क्लासेस ने​ की वीआईक्यू 2025 घोषणा की, 100% स्कालरशिप और ₹2.5 करोड़ के नकद पुरस्कार जीतने का मौका

विद्यामंदिर क्लासेस ने​ की वीआईक्यू 2025 घोषणा की, 100% स्कालरशिप और ₹2.5 करोड़ के नकद पुरस्कार जीतने का मौका

आईआईटी-जेईई (मेंस एवं एडवांस्ड), नीट, बोर्ड्स और ओलंपियाड जैसी कॉम्पिटीटिव परीक्षाओं की कोचिंग में अग्रणी संस्था विद्यामंदिर क्लासेस (वीएमसी) ने अपने सबसे प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित टेस्ट विद्यामंदिर इंटेलेक्ट क्वेस्ट (​वीआईक्यू) 2025 की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह टेस्ट 28 सितंबर, 5, 11, 12 और 26 अक्टूबर 2025 को विभिन्न स्लॉट्स में आयोजित किया जाएगा और कक्षा 5 से कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए खुला रहेगा। 


यह टेस्ट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में उपलब्ध है और राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों की पोटेंशियल और कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स के लिए उनकी क्षमता को परखने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है। इस वर्ष ​वीआईक्यू में रजिस्ट्रेशन पूरी तरह नि:शुल्क है, जिससे देशभर के छात्र इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। 


विद्यामंदिर क्लासेस के संस्थापक संदीप मेहता (आईआईटी दिल्ली एलुमनस) ने बताया, “इस वर्ष का ​वीआईक्यू केवल एक परीक्षा नहीं, बल्कि छात्रों के लिए एक लॉन्चपैड है। जो छात्र समय रहते इसमें रजिस्ट्रेशन करते हैं, उन्हें कई विशेष लाभ मिलते हैं जो उनकी अकादमिक यात्रा को सशक्त बनाते हैं। इसमें ₹2.5 करोड़ तक के नकद पुरस्कार और 100% तक की स्कालरशिप शामिल हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, अकादमिक ईयर  की सबसे कम फीस, मौजूदा कक्षा के लिए मुफ्त ऑफलाइन कक्षाएं और ई-स्टडी मटेरियल, नि:शुल्क अभ्यास टेस्ट और मॉक बोर्ड परीक्षा का लाभ उठा सकते हैं। सभी प्रतिभागियों को उनकी मेहनत और भागीदारी के लिए ई-सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा।” 


इस वर्ष वीएमसी ने छात्रों के लिए अतिरिक्त विशेष लाभ भी पेश किए हैं। टॉप परफॉर्मर्स को पदक, ट्रॉफी और अन्य प्रशंसा पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, उच्चतम प्रदर्शन करने वाले छात्रों को वीएमसी के प्रीमियम बैचेज़ — सिटाडेल ऑफ एक्सीलेंस (COE) और इल्युमिनाटी — में प्रवेश पाने का दुर्लभ अवसर भी मिलेगा, जो अपनी उच्च स्तरीय मेंटरशिप और अकादमिक गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं। 


वीएमसी का हमेशा से उद्देश्य रहा है छात्रों को समग्र तैयारी के लिए प्रामाणिक पद्धति, कठोर परीक्षण और समर्पित मार्गदर्शन देना। ​वीआईक्यू इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है—प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान कर उन्हें आगे बढ़ने का मंच प्रदान करता है। 


छात्र www.vidyamandir.comपर नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन कर इन असाधारण लाभों और अवसरों का लाभ उठा सकते हैं।

​वीआईक्यू सिर्फ एक टेस्ट नहीं, यह अकादमिक उत्कृष्टता और भविष्य की सफलता की दिशा में पहला कदम है। 

August 09, 2025

रोबोटिक तकनीक से जोड़ों की सर्जरी हुई और भी सटीक और असरदार

रोबोटिक तकनीक से जोड़ों की सर्जरी हुई और भी सटीक और असरदार

अलीगढ: जोड़ों का दर्द, जिसे पहले एक सक्रिय जीवनशैली में बाधा माना जाता था, अब एक्टिव रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट जैसी नवीनतम ऑर्थोपेडिक तकनीकों की मदद से प्रभावी रूप से इलाज किया जा रहा है। यह अत्याधुनिक तकनीक नी और हिप की सर्जरी में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है, जिससे मरीजों को अधिक सटीक परिणाम, तेज़ रिकवरी, कम दर्द और प्राकृतिक जोड़ों की गति का अनुभव हो रहा है।

 

एक्टिव रोबोटिक सिस्टम 3डी इमेजिंग और रोबोटिक सटीकता का संयोजन करते हैं। सर्जरी से पहले उन्नत इमेजिंग तकनीकों से एक विस्तृत योजना तैयार की जाती है, और सर्जरी के दौरान रोबोटिक सहायता से हर कट और इम्प्लांट की पोजीशन बेहद सटीकता से सुनिश्चित की जाती है। यह सटीक एलाइनमेंट जोड़ों को अधिक स्थायित्व और लंबी उम्र प्रदान करता है, साथ ही आसपास के सॉफ्ट टिशूस को कम नुकसान पहुंचाता है, जिससे रिकवरी सुगम और तेज़ होती है।

 

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत के रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के चेयरमैन एवं चीफ डॉ. सुजॉय भट्टाचार्य ने बताया कि "इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ तेज़ गतिशीलता है। पारंपरिक सर्जरी में जहां रिकवरी में समय लगता है, वहीं एक्टिव रोबोटिक रिप्लेसमेंट के बाद मरीज कुछ घंटों के भीतर खड़े होकर चलना शुरू कर सकते हैं। मांसपेशियों और लिगामेंट्स को बड़ी कटिंग से बचाया जाता है, जिससे शरीर को कम आघात लगता है, दर्द कम होता है और रिकवरी तेज़ होती है। प्रारंभिक गतिशीलता से ब्लड क्लॉट की संभावना भी कम होती है और मांसपेशियां जल्द मजबूत होती हैं।"

 

एक्टिव रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट तकनीक कई दृष्टिकोणों से पारंपरिक सर्जरी की तुलना में अधिक प्रभावी साबित हो रही है। यह प्रमुख मांसपेशियों और लिगामेंट्स को सुरक्षित रखते हुए जोड़ों की अधिक स्वाभाविक गति सुनिश्चित करती है और ऑपरेशन के बाद दर्द को काफी हद तक कम करती है। इस तकनीक के चलते मरीज सर्जरी के कुछ ही घंटों के भीतर चलना शुरू कर सकते हैं, जिससे तेजी से रिकवरी संभव होती है। यह प्रक्रिया कम रक्तस्राव, छोटे चीरे और घाव संबंधी जटिलताओं की न्यूनतम संभावना के साथ होती है। इसके अतिरिक्त, मरीजों को विस्तृत रिहैबिलिटेशन की आवश्यकता भी नहीं होती, जिससे वे जल्द ही अपनी सामान्य दिनचर्या जैसे चलना-फिरना और ड्राइविंग आदि दोबारा शुरू कर पाते हैं। इन सभी विशेषताओं के चलते यह तकनीक जॉइंट रिप्लेसमेंट को अधिक स्थायी और पेशेंट सेंट्रिक बना रही है।

 

ग्रामीण या दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के लिए सिंगल विज़िट रोबोटिक सर्जरी अत्यंत सुविधाजनक है। मूल्यांकन से लेकर सर्जरी और प्रारंभिक रिहैबिलिटेशन तक की संपूर्ण प्रक्रिया एक ही अस्पताल प्रवास में पूरी हो जाती है। कम सहायक रिहैबिलिटेशन की आवश्यकता के कारण, मरीज जल्दी ही चलने-फिरने और यहां तक कि ड्राइविंग जैसी सामान्य गतिविधियाँ भी शुरू कर सकते हैं।

 

डॉ. सुजॉय ने आगे कहा, "एक्टिव रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के कई लाभ हैंजैसे कि प्रमुख मांसपेशियों और लिगामेंट्स की सुरक्षा से प्राकृतिक जोड़ों की गति बनी रहती है, दर्द कम होता है, और मरीज जल्दी चलने लगते हैं। सर्जरी के दौरान खून की कमी कम होती है, चीरे छोटे होते हैं और घाव जल्दी भरते हैं। साथ ही व्यापक रिहैबिलिटेशन की जरूरत भी नहीं पड़ती, जिससे मरीज अपने सामान्य जीवन में जल्दी लौट पाते हैं।"

 

एक्टिव रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट ऑर्थोपेडिक देखभाल में एक बड़ी छलांग है, जो तकनीक को पेशेंट सेंट्रिक परिणामों से जोड़ता है। कम दर्द, तेज़ रिकवरी और दीर्घकालिक लाभों के साथ यह उन्नत तकनीक मरीजों को दोबारा आत्मविश्वास और आराम से जीने की राह दिखा रही है।